Plastic Surgery Camp इंदौर। बेटमा तहसील के किशनपुरा गांव में रहने वाले 23 वर्षीय दीपक गोयल का जलने से चेहरा झुलस गया था। तीन माह की उम्र में वे चूल्हे की आग में गिर गए थे। इससे आंख, नाक, होंठ सहित चेहरा झुलस गया। नि:शुल्क प्लास्टिक सर्जरी कैंप में तीन बार व एक बार कलेक्टर की मदद से प्राइवेट अस्पताल में सर्जरी हो चुकी है जिसमें नाक, होंठ व आंख की प्लास्टिक सर्जरी की गई। अब दीपक की आंख की फिर से सर्जरी कर पलक बनाई जाएगी। संस्था सहायता की ओर से रॉबर्ट नर्सिंग होम में लगाए गए तीन दिवसीय प्लास्टिक सर्जरी कैंप में दीपक पहुंचे हैं। वे अपनी आंख छिपाने हेयर स्टाइल का सहारा लेते हैं। इस शिविर में 50 से अधिक मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
ऑपरेशन डॉ. प्रकाश छजलानी, अफ्रीकन रिपब्लिक कांगो से डॉ. मितिला लिंडा, मुंबई से डॉ. सानिया शर्मा की टीम कर रही है। इससे पहले, संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने शिविर का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि शिविर किसी यज्ञ से कम नहीं। संस्था के सेक्रेटरी अनिल भंडारी ने बताया कि गांवों में जाकर लोगों को मुफ्त इलाज देने के लिए वैन चलाई जा रही है। शिविर में पहुंचे समाजसेवी गिरीश मतलानी ने संस्था को एक नई वैन उपलब्ध कराने की घोषणा की है। वैन को ग्रामीण क्षेत्र में निशुल्क इलाज के लिए भेजा जाएगा।
चौथी बार में नाक के अगले भाग की करेंगे सर्जरी
शिविर में पेटलावद तहसील के ग्राम बावड़ी से 18 साल के अमृत गामड़ भी पहुंचे हैं। उनके पिता नानूराम ने बताया कि बचपन में अमृत आग में झुलस गया था। उस समय रात तीन बजे अस्पताल जाने के लिए साधन भी नहीं थे। इलाज तो कराया, लेकिन अमृत का चेहरा पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाया। हर साल शिविर में पहुंच रहे हैं। पहली बार ऑपरेशन कराया तो नाक व होंठ की चिपकी हुई त्वचा को अलग किया गया। दूसरी बार में कपाल के पास से नाक तक प्लास्टिक सर्जरी की गई। पिछले कैंप में तीसरी बार नाक की सर्जरी कर उसे आकार दिया गया। अब नाक के आगे के भाग की सर्जरी करेंगे।